मास कम्युनिकेषन कोर्स की अवधि बैचलर डिग्री में तीन साल होती है, इस कोर्स के माध्यम से आप आमतौर पर विज्ञापन, पत्रकारिता, संचार कौषल, जनसंपर्क, मनोविज्ञान, समाजषास्त्र, राजनीति विज्ञान, मीडिया साक्षरता और सामूहिक मीडिया के प्रकार पर छूने वाले उन पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों को पढ़ते है। अगर आपको लेखन का षौक है, और चीजों को एक प्रभावी ढ़ंग से पेष कर सकते है अगर आप चुनौतियों का सामना करना चाहते है और आपके पास उत्कृश्ट संचार कौषल है, तो जन संचार में कैरियर आपके लिए बेस्ट है।
Mass communication में एडमिषन:
इस कोर्स में एडमिषन लेने के लिए छात्र की योग्यता….
मास कम्युनिकेषन कोर्स स्नातक पाठ्यक्रमों भाग लेने वाले छात्रों को किसी भी बोर्ड से कक्षा बारहवीं के सफल समापन की आवष्यकता होती है।
कुछ विष्वविद्यालयों और काॅलेजो में कक्षा 12वीं में अंकों के आधार पर छात्रों को बाद प्रवेष करते है।
मास कम्युनिकेषन कोर्स विज्ञान/काॅमर्स/आट्र्स कोई भी कर सकता है।
योग्यता परीक्षाओं में किये गये अंकों के आधार पर भी आप विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेष ले सकते है।
कुछ काॅलेजो में प्रवेष लेने के लिए प्रवेष परीक्षा करवाई जाती है।
भारत मे मास कम्युनिकेयषन के कुछ टाॅप काॅलेज:
Symbiosis Institute of Mass Communication, Pune
AJK Mass Communication Research Centre, Jamia Millia Islamia, New Delhi
Indian Institute of Mass Communication, New Delhi
Asian College of Journalism, Chennai
Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal
Xavier Institute of Communication (XIC), Mumbai
Indian Institute of Journalism and New Media, Bangalore
Amity School of Communication, Noida
Delhi College of Arts and & Commerce, New Delhi
Christ University, Bangalore
Manipal Institute of Communications, Manipal
जनसंचार (Mass Communication) और पत्रकारिता (Journalism) के बीच में अंतर:
जब हम ’’पत्रकारिता’’ के बारे में बात करते है तो इसका मतलब है कि मुद्रित लेख, ब्लाॅग और टेलीविजन सहित विभिन्न माध्यमों द्वारा जानकारी पेष करने का एक तरीका है। जबकि पत्रकार एक ऐसा व्यक्ति होता है जो सूचना के लिए खोज, संपादन, लेख लिखने और प्रस्तुत करने के सभी कार्यों को करता है, इस प्रकार हम कह सकते है कि पत्रकारिता जन संचार का एक अभिन्न अंग है।
Mass Communication के बाद करियर और स्कोप:
जन संचार में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद आप रिर्पोटिंग, लेखन, संपादन, प्रसारण या केबल कास्टिंग समाचार आइटम और कई अन्य समान कार्य प्रोफाइल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते है। पत्रकारिता के दो प्रकार होते है जिसमें आप काम कर सकते है। पहले एक प्रिंट जर्नलिज्म और दूसरा इलेक्ट्राॅनिक (आॅडियो/विजुअल) पत्रकारिता है।
प्रिंट जर्नलिज्म में आप अखबारों, पत्रिकाओं में नौकरियों का लाभ ले सकते है।
और संपादक, संवाददाता, स्तंभकार, आदि के रूप में काम कर सकते है।
इलेक्ट्राॅनिक पत्रकारिता में आप रेडियों, टेलीविजन और वेब के लिए काम कर सकते है।
आप पत्रकारिता में अपना कैरियर बना सकते है, जो एक उच्च वेतन और प्रतिश्ठित व्यवसाय है।
विभिन्न स्त्रोतों से विभिन्न समाचारों को इकट्ठा करने में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सबसे अच्छा काम है।
भारत के बाहर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते है।
मास कम्युनिकेषन क्षेत्र में भी आप पोस्ट ग्रेजुएषन कर सकते है।
MA (Mass Communication) के बाद जाॅब प्रोफाइल:
टीवी एंकर (TV Anchor)
समाचार संपादक (News Editor)
वरिश्ठ पत्रकार (Senior Journalist)
जूनियर पत्रकार (Junior Journalist)
स्क्रीन लेखक (Screen Writer)
बड़े पर संपादक (Editor at large)
MA (Mass Communication) के बाद सैलरी:
मास कम्युनिकेषन कोर्स पूरा करने के बाद आपकी सैलरी आपके कौषल और अनुभव पर निर्भर करती है, जैसे अगर आप एक संवाददाता या समाचार रिपोर्टर के रूप में अपना कैरियर षुरू करते है तो आपकी सैलरी 10,000 रूपये से 20,000 रूपये तक हो सकती है, और कुछ अनुभव के बाद आप एक संपादक या एक एंकर के रूप में काम कर सकते है, तो आपकी सैलरी 25,000 ये 40,000 और यदि आपके पास किसी विषेश क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव और विषेशज्ञता है, तो आपकी सैलरी अधिक भी हो सकती है।